SCO समिट बीच में छोड़कर क्यों निकले अजित डोभाल? पाकिस्तान की इस हरकत से मचा था बवाल

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन दौरे पर हैं।
मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। इस बीच 2020 की वह घटना याद आती है,
जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने पाकिस्तान की भड़काऊ हरकत पर बैठक छोड़ने का बड़ा कदम उठाया था।
पाकिस्तान की ओछी हरकत
कोविड-19 महामारी के दौरान सितंबर 2020 में SCO की बैठक रूस की अध्यक्षता में वर्चुअल हुई थी। इस दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि डॉ. मोईद यूसुफ ने एक ऐसा राजनीतिक नक्शा पेश किया,
जिसमें भारत के अविभाज्य अंग जम्मू-कश्मीर और जूनागढ़ को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया।
यह SCO चार्टर का साफ उल्लंघन था, जिसमें कहा गया है कि सदस्य देश बहुपक्षीय मंच पर द्विपक्षीय विवाद नहीं उठाएँगे। भारत ने तुरंत इसका कड़ा विरोध किया।
डोभाल का कड़ा रुख
रूस ने बार-बार पाकिस्तान से नक्शा हटाने को कहा, लेकिन चेतावनियों को नज़रअंदाज़ किया गया। इसके बाद अजीत डोभाल बैठक से बाहर चले गए।
उनका यह कदम दुनिया के लिए स्पष्ट संदेश था कि भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं करेगा।
रूस ने भी बाद में बयान जारी कर कहा कि वह पाकिस्तान की इस भड़काऊ कार्रवाई का समर्थन नहीं करता। विशेषज्ञों ने इसे SCO चार्टर का गंभीर उल्लंघन बताया।
जासूसी थ्रिलर जैसी डोभाल की कहानी
अजीत डोभाल का करियर किसी जासूसी थ्रिलर से कम नहीं है। 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय वे मौलवी के वेश में पाकिस्तान में रहकर खुफिया जानकारी जुटाते रहे।
1986 में मिजो शांति समझौते, 1988 के ऑपरेशन ब्लैक थंडर, 1999 के कंधार विमान अपहरण, 2014 में इराक में बंधक बनी 46 भारतीय नर्सों की रिहाई और 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक जैसी अहम घटनाओं में उन्होंने निर्णायक भूमिका निभाई।
इन्हीं सख़्त और साहसी कदमों की वजह से अजीत डोभाल को भारत का “जेम्स बॉन्ड” कहा जाता है।