सरकार द्वारा किसानों को सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कुसुम सोलर सब्सिडी योजना 2024-25 के तहत 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती और सतत ऊर्जा उपलब्ध कराना है। आइए जानें कि इस योजना का लाभ कैसे उठाया जा सकता है और आवेदन की प्रक्रिया क्या है।
आवेदन कैसे करें?
यहाँ PM कुसुम सोलर सब्सिडी योजना 2024 की जानकारी को स्पष्ट, आकर्षक और सरल भाषा में री-राइट किया गया है:
प्रधानमंत्री कुसुम सोलर सब्सिडी योजना 2024-25 की शुरुआत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किसानों की सहायता के लिए की गई है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पैनल से चलने वाले सिंचाई पंप उपलब्ध कराए जाते हैं, जिन पर सरकार 90% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। इससे किसान डीजल या पेट्रोल की लागत से बचते हैं और मुफ्त बिजली से सिंचाई कर सकते हैं।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के उन किसानों की मदद करना है जो सूखा प्रभावित क्षेत्रों में खेती करते हैं और सिंचाई के लिए बिजली या डीजल पर निर्भर रहते हैं। सोलर पंप से:
क्षमता (मेगावाट) | आवेदन शुल्क (₹) + GST |
---|---|
0.5 मेगावाट | ₹2500 + GST |
1 मेगावाट | ₹5000 + GST |
1.5 मेगावाट | ₹7500 + GST |
2 मेगावाट | ₹10,000 + GST |
आवेदन शुल्क “राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम” के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट द्वारा जमा किया जाएगा।
यहाँ PM कुसुम सोलर सब्सिडी योजना 2024 -25
यहाँ PM कुसुम सोलर सब्सिडी योजना 2024 से जुड़े 10 महत्वपूर्ण
पीएम कुसुम योजना क्या है?
PM Kusum Yojana एक सरकारी योजना है जिसके तहत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप पर 90% तक की सब्सिडी दी जाती है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य किसानों को मुफ्त या कम लागत में बिजली देकर सिंचाई को सुलभ बनाना है और डीजल/बिजली पर निर्भरता को कम करना है।
कौन-कौन इस योजना के लिए पात्र हैं?
भारत के सभी किसान जिनके पास अपनी कृषि भूमि है और जो सिंचाई के लिए पंप का उपयोग करते हैं।
योजना के तहत कितनी सब्सिडी मिलती है?
किसानों को 90% तक की सब्सिडी मिलती है, केवल 10% लागत किसान को खुद वहन करनी होती है।
आवेदन करने की प्रक्रिया क्या है?
आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है – संबंधित राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना होता है।
क्या योजना के लिए कोई शुल्क देना होता है?
हाँ, आवेदन के लिए मेगावाट के अनुसार शुल्क निर्धारित है, जैसे कि 1 मेगावाट के लिए ₹5000 + GST।
क्या डीजल पंप को सोलर पंप में बदला जा सकता है?
हाँ, योजना के तहत 17.5 लाख डीजल पंपों को सोलर पंप में बदलने का लक्ष्य है।
किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?
आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, भूमि प्रमाण, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, और पासपोर्ट साइज फोटो।
योजना का लाभ लेने से किसानों को क्या आर्थिक फायदा होगा?
किसान बिजली की लागत बचा सकते हैं और अतिरिक्त बिजली बेचकर अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सकते हैं।
योजना की जानकारी और सहायता कहां से प्राप्त की जा सकती है?
राज्य की अक्षय ऊर्जा एजेंसी की वेबसाइट या नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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