Mock Drill 7 मई को देश भर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल होने वाली है. 1971 के बाद यह पहली ऐसी ड्रिल है.

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Mock Drill 7 मई को देश भर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल होने वाली है. 1971 के बाद यह पहली ऐसी ड्रिल है.

Emergency Mock Drill

देशभर में 7 मई को होगी अब तक की सबसे बड़ी मॉक ड्रिल, 244 जिलों में अलर्ट

देशभर में 7 मई को एक बड़े स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है, जिसमें कुल 244 जिलों को शामिल किया गया है। 1971 के बाद यह पहली बार होगा जब इस तरह का व्यापक सुरक्षा अभ्यास किया जाएगा।

हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। इसके बाद से जम्मू-कश्मीर समेत कई संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती देखी गई है।

ड्रिल के मुख्य बिंदु:

मॉक ड्रिल के दौरान पूरे इलाके में ब्लैकआउट रहेगा यानी सभी घरों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों की लाइटें बंद की जाएंगी।

हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे।

सायरन की आवाज सुनते ही नागरिकों को सतर्क होकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के निर्देश होंगे।

इस दौरान लोगों को हमले की स्थिति में बचाव की ट्रेनिंग दी जाएगी।


गृह मंत्रालय में हाई लेवल बैठक:

6 मई को गृह मंत्रालय में मॉक ड्रिल को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें NDRF, होम गार्ड, फायर ब्रिगेड, रेलवे और वायु सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। श्रीनगर में SDRF ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं।



राज्यवार जिलों की सूची जहां मॉक ड्रिल होगी:

राजस्थान

कोटा, रावतभाटा, अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, उदयपुर, सीकर, नाल, सूरतगढ़, आबू रोड, नसीराबाद, भिवाड़ी, फुलेरा, नागौर (मेड़ता रोड), जालोर, ब्यावर, लालगढ़।

उत्तर प्रदेश

बुलन्दशहर (नरौरा), आगरा, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, बख्शी का तालाब, मुगलसराय, सरसावा, बागपत, मुजफ्फरनगर।

हरियाणा

अंबाला, हिसार, फरीदाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, झज्जर।

गुजरात

सूरत, वडोदरा, अहमदाबाद, जामनगर, गांधीनगर, भावनगर, ककरापुर, कांडला, नलिया, अंकलेश्वर, ओखा, वाडिनार, भरूच, दांग्स, कच्छ, मेहसाणा, नर्मदा, नवसारी।

जम्मू-कश्मीर

श्रीनगर, जम्मू, अनंतनाग, बारामूला, बडगाम, कारगिल, लेह, पुलवामा, अवंतीपुरा, डोडा, कठुआ, कुपवाड़ा, पूंछ, राजौरी, उधमपुर, सांबा, अखनूर, उरी, नौशेरा, सुंदरबनी।

पंजाब

अमृतसर, भटिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट, बरनाला, भाखड़ा-नांगल, हलवारा, कोठकापुर, बटाला, मोहाली, अबोहर, फरीदपुर, रोपड़, संगरूर।

ओडिशा

तालचेर, बालासोर, कोरापुट, भुवनेश्वर, गोपालपुर, हीराकुंड, पारादीप, राउरकेला, भद्रक, ढेंकनाल, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा।

बिहार

बरौनी, कटिहार, पटना, पूर्णिया, बेगूसराय।

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असम: गुवाहाटी

(डिसपुर), डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, तेजपुर, गोलाघाट, सिबसागर, डिगबोई, नामरूप, जोरहाट, धुबरी, बोंगाईगांव, रंगिया, नाजिरा, नॉर्थ लखीमपुर।

झारखंड

बोकारो, गोमिया, गोड्डा, साहेबगंज।

अरुणाचल प्रदेश

ईटानगर, तवांग, हयुलियांग, बोमडिला, अलोंग।

पश्चिम बंगाल

कोलकाता, दुर्गापुर, हल्दिया, हावड़ा, हुगली, आसनसोल, जलपाईगुड़ी, कोलाघाट, अलीपुरद्वार, दार्जिलिंग, बालुरघाट, कूचबिहार, दिनहाटा, मेखलीगंज, फरक्का, चितरंजन, बर्धमान, मुर्शिदाबाद।

मध्य प्रदेश

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, कटनी।

गोवा

नॉर्थ गोवा, साउथ गोवा।

महाराष्ट्र

मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पिंपरी चिंचवड़, भुसावल, तारापुर।

कर्नाटक: बेंगलुरु, मल्लेश्वर, रायचूर।

केरल: कोचीन, तिरुवनंतपुरम।

मेघालय: ईस्ट खासी हिल्स, वेस्ट गारो हिल्स, जैंतिया हिल्स।

मणिपुर

इंफाल, चुराचांदपुर, उखरूल, मोरेह।

अन्य स्थान:

दिल्ली

नई दिल्ली, दिल्ली छावनी

चंडीगढ़

छत्तीसगढ़: दुर्ग (भिलाई)

उत्तराखंड: देहरादून

पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार: पोर्ट ब्लेयर

दादरा-नगर हवेली: सिलवासा

दमन-दीव: दमन



आंध्र प्रदेश:

हैदराबाद, विशाखापत्तनम

त्रिपुरा: अगरतला

हिमाचल प्रदेश: शिमला

लक्षद्वीप: लक्षद्वीप

7 मई को पूरे देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जो 1971 के बाद की सबसे बड़ी सुरक्षा ड्रिल मानी जा रही है।

मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट रहेगा, सायरन बजेंगे और लोगों को हमले की स्थिति में बचने की ट्रेनिंग दी जाएगी।

गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक हुई है जिसमें NDRF, फायर सर्विस, रेलवे और वायु सुरक्षा से जुड़े अधिकारी शामिल हुए।

ड्रिल का उद्देश्य युद्ध या आपदा की स्थिति में नागरिकों को सतर्क और तैयार करना है।

जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के संवेदनशील जिलों में विशेष तैयारी की गई है।

Mock Drill Exercise




नोट: इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य युद्ध या आपदा के समय नागरिकों को सतर्क और प्रशिक्षित करना है। सायरन की आवाज सुनते ही सावधानी बरतें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

यहाँ मॉक ड्रिल से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी जा रही है, जिससे आप बेहतर समझ सकें कि इसकी तैयारी, प्रक्रिया और उद्देश्य क्या हैं:


मॉक ड्रिल का उद्देश्य क्या है?


यह अभ्यास नागरिकों, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को युद्ध, आतंकी हमले, प्राकृतिक आपदा या अन्य आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करने के लिए किया जा रहा है।

इसका मकसद यह देखना है कि असली संकट के समय कौन-सी तैयारियां कारगर होंगी और कहाँ सुधार की ज़रूरत है।



ड्रिल के दौरान क्या-क्या किया जाएगा?

ब्लैकआउट Black Out


सभी घरों, ऑफिसों और सार्वजनिक स्थानों की लाइटें बंद कर दी जाएंगी ताकि हमले की स्थिति में दुश्मन को लक्ष्य दिखना मुश्किल हो।

सायरन Syrun


तेज आवाज वाले सायरन बजाए जाएंगे जो हवाई हमले या खतरे की चेतावनी का संकेत होंगे।

सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना


नागरिकों को सुरक्षित ठिकानों पर जाने का अभ्यास कराया जाएगा जैसे शेल्टर, अंडरग्राउंड बंकर, या पहले से चिन्हित स्थान।

Trainning


लोगों को यह सिखाया जाएगा कि धमाके, हमले या गैस रिसाव जैसी स्थिति में क्या करें – मुँह ढकना, ज़मीन पर लेटना, खुले स्थान से दूर रहना आदि।

इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीमों की तैनाती


पुलिस, फायर ब्रिगेड, NDRF, SDRF जैसी एजेंसियों को मौके पर सक्रिय रखा जाएगा।



कौन-कौन सीAgencies एजेंसियां इसमें शामिल हैं?

गृह मंत्रालय (MHA)

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF)

होम गार्ड्स

सशस्त्र बल (थल, जल, वायु)

रेलवे सुरक्षा बल RRB SECURITY FORCE

सिविल डिफेंस

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA)

स्थानीय प्रशासन और पुलिस



लोगों के लिए सुझाव:

ड्रिल को हल्के में न लें — यह आपकी सुरक्षा और जीवन से जुड़ा अभ्यास है।

सायरन सुनते ही निर्देशों का पालन करें और शांत रहें।

बुजुर्गों, बच्चों और विकलांगों की मदद करें।

फर्जी अफवाहों से बचें और केवल अधिकृत जानकारी पर भरोसा करें।

सोशल मीडिया पर किसी भी असत्य या डर फैलाने वाली जानकारी को साझा न करें।


क्या यह कोई हमले का संकेत है?


नहीं, यह केवल एक पूर्व नियोजित अभ्यास है। हालांकि इसे असली घटना की तरह किया जाएगा, लेकिन इसमें कोई वास्तविक खतरा नहीं है।

FAQs



मॉक ड्रिल क्या है?


मॉक ड्रिल एक अभ्यास है जिसमें किसी आपदा या हमले की स्थिति में लोगों की प्रतिक्रिया, प्रशासन की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्थाओं की जांच की जाती है।

इस मॉक ड्रिल की तारीख और समय क्या है?


यह मॉक ड्रिल 7 मई 2025 को देशभर के 244 जिलों में आयोजित की जाएगी। सटीक समय स्थानीय प्रशासन द्वारा पूर्व सूचना के माध्यम से बताया जाएगा।

ड्रिल के दौरान क्या करना होगा?


सायरन की आवाज सुनते ही सभी नागरिकों को बिजली बंद करनी होगी और सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़ना होगा। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि यह अभ्यास सतर्कता और जागरूकता के लिए है।

क्या स्कूल, ऑफिस, बाजार बंद रहेंगे?


नहीं, यह केवल एक अभ्यास है। जरूरी सेवाएं चालू रहेंगी। परंतु स्थानीय प्रशासन की ओर से विशेष निर्देश दिए जा सकते हैं।

अगर मॉक ड्रिल के दौरान कोई समस्या होती है तो क्या करें?


तुरंत नजदीकी सुरक्षा बल, पुलिस या आपदा प्रबंधन विभाग से संपर्क करें। स्थानीय हेल्पलाइन नंबरों को एक्टिव रखा जाएगा।



क्या मॉक ड्रिल के दौरान इंटरनेट या मोबाइल नेटवर्क बंद रहेगा?


आमतौर पर नहीं, लेकिन कुछ संवेदनशील जिलों में एहतियातन कुछ देर के लिए नेटवर्क सीमित किया जा सकता है। यह निर्णय स्थानीय प्रशासन की स्थिति के अनुसार होगा।

मॉक ड्रिल में आम नागरिकों की क्या भूमिका होगी?


लोगों को ब्लैकआउट, सायरन, और सुरक्षा निर्देशों का पालन करना होगा। उन्हें दिखाया जाएगा कि आपात स्थिति में कैसे सुरक्षित स्थान पर पहुँचा जाता है और खुद को कैसे बचाया जाता है।

क्या मॉक ड्रिल में भाग लेना अनिवार्य है?


प्रत्यक्ष भागीदारी अनिवार्य नहीं है, लेकिन जागरूकता और सुरक्षा के लिहाज से इसमें सहयोग करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।

क्या मॉक ड्रिल के दौरान कोई असली खतरा है?


नहीं, यह पूरी तरह अभ्यास है। नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। इसका उद्देश्य केवल प्रशिक्षण और तैयारी सुनिश्चित करना है।

अगर कोई बुजुर्ग या विकलांग व्यक्ति अकेले हों तो उन्हें क्या करना चाहिए?


ऐसे लोगों के लिए प्रशासन विशेष प्रबंध करेगा। आसपास के लोग भी उनकी मदद करें। स्थानीय हेल्पलाइन या वॉर्डन से संपर्क किया जा सकता है।

क्या मीडिया को इसकी रिपोर्टिंग की अनुमति होगी?


हाँ, लेकिन निर्देशित रूप से। सुरक्षा कारणों से कुछ जानकारी सीमित की जा सकती है।

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