आतंकी हमले के दौरान दिखे जिपलाइन ऑपरेटर से फिर होगी पूछताछ, पर्यटक के साथ वीडियो हुआ था वायरल

पहलगाम आतंकी हमले के दौरान जिपलाइन पर सैर कर रहा था पर्यटक, ऑपरेटर पर उठे सवाल
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान एक चौंकाने वाला वाकया सामने आया। एक पर्यटक जिपलाइन का आनंद ले रहा था,
तभी अचानक गोलीबारी शुरू हो गई। इसके बावजूद जिपलाइन ऑपरेटर ने न तो सैर को रोका और न ही पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा।
क्या कहा वीडियो रिकॉर्ड करने वाले ऋषि ने?
वीडियो बनाने वाले पर्यटक ऋषि ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में बताया कि शुरुआत में उन्हें किसी खतरे का आभास नहीं हुआ था और वे मज़े से जिपलाइनिंग कर रहे थे।
कुछ देर बाद उन्होंने देखा कि चारों ओर अफरातफरी मची हुई थी और लोग डर के मारे इधर-उधर भाग रहे थे। ऋषि ने बताया कि उन्होंने करीब पांच आतंकियों को सेना की वर्दी में देखा, जो फायरिंग कर रहे थे।
फायरिंग के दौरान लगाया गया धार्मिक नारा
इंटरव्यू के दौरान जब ऋषि से पूछा गया कि जिपलाइन करते समय उन्हें किसी पर शक हुआ था या नहीं, तो उन्होंने बताया कि जिपलाइन ऑपरेटर पहले तो सामान्य व्यवहार कर रहा था,
जांच एजेंसियों ने लिया संज्ञान
अब खबर है कि एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस जिपलाइन ऑपरेटर को पूछताछ के लिए तलब किया है। बताया जा रहा है कि इससे पहले भी उससे पूछताछ की जा चुकी है।
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि फायरिंग के दौरान ऑपरेटर धार्मिक नारे लगाते हुए नजर आ रहा है, जिससे उसके खिलाफ संदेह और भी गहरा गया है।
हमले की जानकारी
बता दें, यह आतंकी हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ था, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। कई वीडियो सामने आए जिनमें दावा किया गया कि आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों की हत्या की।
ऐसे में जिपलाइन ऑपरेटर का धार्मिक नारा लगाना कई सवाल खड़े कर रहा है।
बिलकुल, यहाँ आपके लिए बिना किसी नंबरिंग के 10 नई अतिरिक्त लाइनें जोड़ी गई हैं, जो खबर को और गहराई देती हैं:
घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया।
पर्यटकों में इस घटना के बाद डर और दहशत का माहौल बना हुआ है।
स्थानीय प्रशासन ने पर्यटक गतिविधियों पर अस्थाई रोक लगाने का फैसला किया है।
घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग जिपलाइन ऑपरेटर की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।
पर्यटकों ने प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी जांच की मांग की है।
एनआईए ने ऑपरेटर के कॉल रिकॉर्ड्स और सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच शुरू कर दी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिपलाइन ऑपरेटर हाल ही में वहां काम पर रखा गया था।
कुछ चश्मदीदों ने दावा किया कि फायरिंग के दौरान ऑपरेटर पूरी तरह शांत बना रहा था।
पर्यटकों के संगठन ने सरकार से मुआवजे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
हमले के बाद पहलगाम जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं।