Heart Attackहार्ट अटैक के समय जीवनरक्षक साबित होती हैं ये दो सस्ती दवाइयां, सेवन करते ही मिलती है राहत।

अर्ली हार्ट अटैक प्रिवेंशन: समय रहते सतर्कता है सुरक्षा की कुंजी
हार्ट अटैक अचानक आता है, लेकिन इससे बचाव का तरीका अचानक नहीं होना चाहिए। हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में यह बात सामने आई है कि हार्ट अटैक से बचने का एक सस्ता और असरदार तरीका मौजूद है – खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने पहले हार्ट अटैक झेला है।
शोध में क्या सामने आया?
स्वीडन की लुंड यूनिवर्सिटी और लंदन के इम्पीरियल कॉलेज के वैज्ञानिकों ने 36,000 से अधिक हृदय रोगियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि दो दवाइयाँ – स्टैटिन्स और एजेटिमिब – अगर समय पर दी जाएं, तो यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके हार्ट अटैक का खतरा काफी हद तक कम कर सकती हैं।
जल्दी इलाज क्यों ज़रूरी है?
हार्ट अटैक के बाद शरीर की धमनियाँ कमजोर हो जाती हैं और दूसरा अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन अधिकतर मामलों में, मरीजों को तुरंत कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवाएं नहीं दी जातीं। अभी डॉक्टरों की पद्धति ‘वेट एंड वॉच’ यानी इंतजार करने की होती है, जो कई बार जोखिम भरा साबित हो सकता है।
स्टैटिन्स और एजेटिमिब: एक असरदार संयोजन
स्टैटिन्स लीवर में बनने वाले खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करती हैं।
एजेटिमिब आंतों से कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकता है।
जब ये दोनों दवाएं मिलकर दी जाती हैं, तो कोलेस्ट्रॉल तेजी से कम होता है और दिल की सुरक्षा बेहतर होती है।
अध्ययन में क्या पाया गया?
शोधकर्ताओं ने तीन समूहों में मरीजों का विश्लेषण किया:
1. सिर्फ स्टैटिन्स लेने वाले,
2. पहले स्टैटिन्स, फिर बाद में एजेटिमिब लेने वाले,
3. जिन्होंने दोनों दवाएं पहले 12 हफ्तों में साथ लीं।
जिन्होंने जल्दी दोनों दवाएं लीं, उन्हें भविष्य में कम दिल की समस्याएं हुईं, दूसरा हार्ट अटैक भी कम हुआ और मृत्यु दर भी कम रही।
सस्ती और आसानी से उपलब्ध दवाएं
स्टैटिन्स और एजेटिमिब दोनों ही दवाएं अधिकतर देशों में उपलब्ध हैं और इनकी कीमत भी कम है। खासकर एजेटिमिब के साइड इफेक्ट्स भी बहुत कम होते हैं।
इसके बावजूद यह दवा शुरूआती इलाज में कम इस्तेमाल की जाती है, जो एक बड़ी चूक हो सकती है।
यह रहे 20 नई पंक्तियाँ, जो उपरोक्त जानकारी में अतिरिक्त तथ्य और गहराई जोड़ते हैं:
1. हार्ट अटैक दुनियाभर में मृत्यु का प्रमुख कारण है, लेकिन समय पर इलाज से इसे रोका जा सकता है।
2. भारत में हर साल करीब 28% मौतें दिल की बीमारियों की वजह से होती हैं।
3. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रखने से न केवल हार्ट अटैक बल्कि स्ट्रोक का खतरा भी कम होता है।
4. स्टैटिन्स शरीर में एथेरोस्क्लेरोसिस यानी धमनियों में प्लाक बनने की प्रक्रिया को धीमा कर देती हैं।
5. एजेटिमिब खासतौर पर उन मरीजों के लिए असरदार है जिन्हें स्टैटिन्स से पर्याप्त लाभ नहीं मिलता।
6. उच्च रक्तचाप, मधुमेह और धूम्रपान हार्ट अटैक के मुख्य कारणों में शामिल हैं।
7. हार्ट अटैक के बाद की पहली 12 हफ्तों की अवधि सबसे संवेदनशील होती है।
8. स्टैटिन्स और एजेटिमिब का उपयोग करने से HDL यानी ‘अच्छे’ कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी संतुलित होता है।
9. जिन लोगों के परिवार में हार्ट डिज़ीज का इतिहास हो, उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
10. दवाइयों के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव भी बेहद जरूरी है जैसे नियमित व्यायाम और हेल्दी डाइट।
11. धमनियों में सूजन (Inflammation) को कम करने में भी स्टैटिन्स मदद करती हैं।
12. एजेटिमिब की रोज़ाना एक खुराक आमतौर पर पर्याप्त होती है, और इसके साइड इफेक्ट्स न्यूनतम होते हैं।
13. शराब और जंक फूड का अत्यधिक सेवन हार्ट की बीमारियों को बढ़ावा देता है।
14. दवा के साथ नियमित ब्लड टेस्ट से कोलेस्ट्रॉल और लिपिड प्रोफाइल की निगरानी जरूरी है।
15. तनाव (Stress) भी हार्ट अटैक के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रिगर हो सकता है।
16. पुरुषों में हार्ट अटैक का जोखिम 45 की उम्र के बाद और महिलाओं में मेनोपॉज के बाद बढ़ जाता है।
17. शोध में पाया गया कि जिन मरीजों को जल्दी इलाज मिला, उनकी रिकवरी भी बेहतर हुई।
18. डिजिटल हेल्थ टूल्स, जैसे मोबाइल ऐप्स, कोलेस्ट्रॉल मॉनिटरिंग में उपयोगी साबित हो सकते हैं।
19. योग और ध्यान (Meditation) भी दिल की सेहत को सुधारने में सहायक हैं।
20. नियमित स्वास्थ्य जांच से हृदय रोगों की पहचान जल्दी हो सकती है और जान बचाई जा सकती है।
अपने डॉक्टर्स से अपनी बिमारी के बारे मे खुलके बतायें
यहाँ उन सिफारिशों की सूची दी गई है जो डॉक्टर्स आमतौर पर हार्ट अटैक से बचाव और रिकवरी के लिए सुझाते हैं, खासकर अगर मरीज पहले से हार्ट अटैक झेल चुका हो:
स्टैटिन्स (Statins) रोज़ाना लेना – जैसे Atorvastatin या Rosuvastatin, ताकि LDL कोलेस्ट्रॉल कम हो सके।
एजेटिमिब (Ezetimibe) को स्टैटिन्स के साथ जोड़ना – यदि केवल स्टैटिन्स पर्याप्त असर न कर रही हों।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए ACE इनहिबिटर्स या बीटा-ब्लॉकर्स का सेवन।
ब्लड थिनर (Anti-platelet drugs) – जैसे Aspirin या Clopidogrel, खून को जमने से रोकने के लिए।
रोज़ाना हल्का व्यायाम – जैसे तेज़ चलना, योग या साइकलिंग, कम से कम 30 मिनट।
स्ट्रेस मैनेजमेंट – मेडिटेशन, गहरी सांसें लेना या काउंसलिंग लेना।
हेल्दी डाइट – कम फैट, कम नमक, अधिक फाइबर, और ओमेगा-3 युक्त आहार (जैसे मछली या अलसी)।
धूम्रपान बंद करना – यह हार्ट अटैक के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है।
शराब का सीमित सेवन – या पूरी तरह से त्याग देना।
शुगर लेवल कंट्रोल में रखना – खासकर अगर मरीज को डायबिटीज हो।
नियमित कोलेस्ट्रॉल और लिपिड प्रोफाइल टेस्ट – हर 3 से 6 महीने में।
वज़न नियंत्रित रखना – बीएमआई को 23-25 के बीच बनाए रखना।
सॉल्ट इंटेक कम करना – दिनभर में 5 ग्राम से कम नमक का सेवन।
रात की नींद पूरी करना – रोज़ाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेना।
डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयों में बदलाव न करना।
डिजिटल हेल्थ डिवाइसेज़ – जैसे स्मार्टवॉच या ब्लड प्रेशर मॉनिटर, घर पर निगरानी के लिए।
फॉलो-अप अपॉइंटमेंट्स मिस न करना – डॉक्टर के पास नियमित रूप से जाना।
टीकाकरण कराना – जैसे फ्लू शॉट्स, ताकि इंफेक्शन से दिल पर दबाव न पड़े।
लक्षणों को नजरअंदाज न करना – जैसे सीने में दर्द, थकावट या सांस फूलना।
परिवार को भी जागरूक बनाना – ताकि इमरजेंसी में तुरंत मदद मिल सके।
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें..जानकर बनिये.
FAQs
यहाँ अर्ली हार्ट अटैक प्रिवेंशन से जुड़े कुछ सामान्य पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) दिए गए हैं, जो लोगों के मन में अक्सर आते हैं:
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1. हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?
सीने में भारीपन या दबाव
बाएं हाथ, जबड़े या गर्दन में दर्द
सांस फूलना
अत्यधिक पसीना आना
अचानक चक्कर आना या थकान
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2. क्या युवा लोगों को भी हार्ट अटैक हो सकता है?
हाँ, खराब जीवनशैली, स्ट्रेस, धूम्रपान और जेनेटिक फैक्टर के कारण युवा भी हार्ट अटैक के शिकार हो सकते हैं।
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3. क्या स्टैटिन्स का रोज़ाना सेवन सुरक्षित है?
अगर डॉक्टर की निगरानी में लिया जाए तो स्टैटिन्स सुरक्षित हैं। ये LDL कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करती हैं।
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4. एजेटिमिब क्या है और इसका काम क्या है?
एजेटिमिब एक दवा है जो आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकती है। ये स्टैटिन्स के साथ मिलकर काम करती है।
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5. क्या केवल दवा लेने से हार्ट अटैक टाला जा सकता है?
नहीं, दवाओं के साथ-साथ हेल्दी डाइट, व्यायाम, स्ट्रेस कंट्रोल और धूम्रपान से दूरी भी जरूरी है।
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6. कोलेस्ट्रॉल लेवल कितनी बार जांचना चाहिए?
हर 3-6 महीने में एक बार लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाना चाहिए, खासकर अगर आप हाई रिस्क कैटेगरी में हैं।
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7. क्या हार्ट अटैक से पूरी तरह बचा जा सकता है?
अगर आप समय पर सही दवा लें और जीवनशैली में बदलाव करें, तो हार्ट अटैक का जोखिम काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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8. क्या घरेलू उपाय भी मददगार हो सकते हैं?
हां, जैसे लहसुन, ओमेगा-3 युक्त आहार, अदरक, हल्दी, लेकिन ये केवल सपोर्टिव हैं – मुख्य इलाज डॉक्टर की सलाह से ही होना चाहिए।
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9. हार्ट अटैक के बाद कब से एक्सरसाइज शुरू कर सकते हैं?
डॉक्टर की सलाह के अनुसार आमतौर पर 6-8 हफ्तों बाद हल्का वॉक और धीरे-धीरे सामान्य व्यायाम शुरू किया जा सकता है।
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10. हार्ट अटैक आने पर तुरंत क्या करना चाहिए?
108 या नजदीकी एम्बुलेंस नंबर पर कॉल करें
मरीज को आराम से लिटाएं
अगर उपलब्ध हो, तो एस्पिरिन की गोली चबाकर दें
पैनिक न करें – समय सबसे महत्वपूर्ण हैं.