How to remove Cavity: मीठा खाकर सड़ गई बत्तीसी? बिना फिलिंग दांतों के गड्ढे भर देंगे Dr. के 6 नुस्खे,

क्या दांतों की कैविटी का इलाज सिर्फ डॉक्टर ही कर सकते हैं? जानिए सच्चाई
अक्सर लोग मानते हैं कि अगर दांत में कैविटी हो जाए तो उसका इलाज सिर्फ डॉक्टर से ही संभव है, जैसे कि फिलिंग या रूट कैनाल।
लेकिन हकीकत यह है कि अगर कैविटी की शुरुआत समय रहते पकड़ ली जाए तो उसे रोका जा सकता है और दांतों को फिर से मजबूत भी बनाया जा सकता है।
कैसे पता करें कि दांत में कैविटी हो रही है?
अगर आपके दांतों में तेज दर्द हो, चबाने में दिक्कत हो, दांत का रंग काला या भूरा दिखने लगे, दांत टूटने या हिलने लगें – तो ये साफ संकेत हैं कि आपके दांत सड़ने लगे हैं यानी कैविटी हो गई है।
जब कैविटी गहरी हो जाती है, तो बैक्टीरिया दांत की नस तक पहुंचकर इन्फेक्शन (पस) बना सकते हैं।
कैविटी होती कैसे है?
कैविटी का मतलब है – दांत में छेद। यह तब होता है जब दांत की बाहरी परत (एनामेल) कमजोर हो जाती है और उसमें छोटे-छोटे छेद बनने लगते हैं।
इसका मुख्य कारण है – मुंह की सफाई ठीक से न करना, प्लाक और टार्टर बनना और मुंह में बैक्टीरिया का बढ़ना। इसके अलावा बार-बार मीठा या स्नैक्स खाना भी इसकी बड़ी वजह है।
क्या कैविटी को रोका जा सकता है?
हां, बिल्कुल। मशहूर डेंटिस्ट डॉ. एली फिलिप्स के अनुसार, कुछ आसान तरीकों को अपनाकर कैविटी की शुरुआत को रोका जा सकता है और दांतों को फिर से मजबूत किया जा सकता है।
कैसे करें दांतों को मजबूत?
एनामेल की सुरक्षा करें
दांत की सबसे बाहरी परत एनामेल होती है, जिसमें खनिज भरे होते हैं। जब ये खनिज एसिड के संपर्क में आकर घुलते हैं, तो एनामेल कमजोर होने लगता है। यह एसिड तब बनता है जब हम बार-बार खाते हैं, खासकर मीठा।
लार है नेचुरल सुरक्षा कवच
लार में मौजूद मिनरल्स दांतों की मरम्मत करते हैं। जब मुंह सूखा रहता है, तो कैविटी जल्दी बढ़ती है। इसलिए पानी ज्यादा पिएं और मुंह को सूखा न रहने दें।
ज़ाइलीटॉल वाला च्यूइंग गम
ज़ाइलीटॉल एक नेचुरल शुगर है जिसे बैक्टीरिया पचा नहीं सकते, इसलिए इससे एसिड नहीं बनता। इसे चबाने से लार का स्राव बढ़ता है और दांतों की सफाई होती है।
सही टूथपेस्ट और माउथवॉश का इस्तेमाल करें
ऐसा माउथवॉश इस्तेमाल करें जिसमें सोडियम फ्लोराइड हो। यह दांतों की सतह को फिर से मिनरल से भरने में मदद करता है। इसे दिन में दो बार इस्तेमाल करें।
खाने के बीच में अंतराल रखें
बार-बार खाने से दांतों पर बार-बार एसिड अटैक होता है। लार को दांतों की मरम्मत का समय नहीं मिलता। इसलिए दो मील्स के बीच कम से कम 2–3 घंटे का गैप रखें।
कैविटी कोई अचानक होने वाली समस्या नहीं है। यह धीरे-धीरे शुरू होती है और समय रहते सही देखभाल करने से इसे रोका जा सकता है। दांतों की नियमित सफाई, सही खानपान, और कुछ आसान आदत