जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कुछ ही दिन बाद आर्मी कॉलेज ऑफ नर्सिंग की वेबसाइट को हैक कर लिया गया है।
इस साइबर हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित हैकर ग्रुप ‘टीम इनसेन पीके’ का हाथ बताया जा रहा है।
यह घटना ऐसे वक्त पर सामने आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे दोनों देशों के आपसी संबंध और भी जटिल होते जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह साइबर हमला उस समय हुआ जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए थे। हैकर्स ने वेबसाइट पर एक उकसाने वाला संदेश छोड़ा, जिसमें लिखा गया था,
“हमारे धर्म, परंपराएं और मान्यताएं एक-दूसरे से काफी अलग हैं और यही अंतर हमें मजबूत बनाता है… दो-राष्ट्र सिद्धांत केवल एक विचार नहीं था, बल्कि एक हकीकत है… हम मुसलमान हैं और तुम हिंदू हो।
यह घटना उस समय हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है।
भारत ने हाल ही में सिंधु जल संधि को निलंबित करने और नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित करने जैसे कड़े कदम उठाए हैं।
इसके अलावा, भारत ने 24 अप्रैल को एक और कठोर निर्णय लेते हुए अधिकांश पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं,
केवल दीर्घकालिक वीजा पर आए हिंदू नागरिकों को छोड़कर। पाकिस्तानियों को 72 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश भी दिया गया है।
इस बीच, पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए कई अहम समझौतों को निलंबित करने की चेतावनी दी है, जिसमें शिमला समझौता भी शामिल है।
साथ ही, उसने भारतीय एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने की घोषणा की, जिससे दोनों देशों के बीच स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है।
आर्मी कॉलेज की वेबसाइट पर यह हैकिंग केवल एक तकनीकी उल्लंघन नहीं, बल्कि एक बड़ा संकेत है कि भारत-पाक के बीच तनाव अब डिजिटल मोर्चे पर भी पहुंच गया है।
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत को अपनी साइबर सुरक्षा को और मजबूत करने की तत्काल जरूरत है।
यह साइबर हमला भारत की डिजिटल सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।
हैकर्स द्वारा छोड़ा गया संदेश न केवल उकसावे से भरा था, बल्कि सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश भी थी।
इस घटना से यह भी साबित होता है कि दुश्मन देश अब पारंपरिक युद्ध की बजाय तकनीकी हमलों का सहारा ले रहे हैं।
भारतीय सेना और आईटी विशेषज्ञों ने तत्काल प्रभाव से वेबसाइट को सुरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस तरह के हमले सिर्फ वेबसाइट तक सीमित नहीं होते, ये राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकते हैं।
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
साइबर सुरक्षा को लेकर आम जनता में भी अब जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
ऐसे हमलों के जरिए दुश्मन देश भारत की सामाजिक एकता को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
यह घटना भारत के लिए एक चेतावनी है कि अब हर मोर्चे पर सतर्क रहने का समय आ गया है।
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